Moral of the Story Lion and the Mouse in Hindi – हेलो प्यारे बच्चों अगर आप भी internet पर सर्च कर रहें तो आप बिल्कुल सही जगह पर आए हो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं बहुत ही खास रोचक व मजेदार “शेर और चूहे” की कहानी। आपने “शेर और चूहे” की कहानी अक्सर सुनी होगी। पर यह कहानियां उनसे थोड़ी अलग हैं।
“Unique and best” इंटरनेट की दुनिया में यह कहानी आपके लिए काफी रोचक साबित होगी। यह कहानी हम सबकी पसंदीदा कहानियों में से एक है। आप इन Moral of the Story Lion and the Mouse in Hindi कहानियों को जरूर पढ़ें। इन कहानियों को पढ़कर आपको काफी कुछ सीखने को मिलेगा तो चलिए ज्यादा देर न करते हुए शुरू करते हैं।
1.शेर और चूहे की कहानी – Lion and Mouse Story – Moral of the Story Lion and the Mouse in Hindi
प्यारे बच्चों आज हम आपके लिए लेकर आए हैं बेहद ही खास और मज़ेदार शेर और चूहे की कहानी जिसे पढ़कर आपको बहुत मजा आयेगा तो चलिए शुरू करते हैं। एक घने जंगल में एक शेर और शेरनी रहा करते थे। शेर बहुत दयालु था और दूसरी और शेरनी उतनी ही खूंखार। शेरनी कभी भी किसी को नहीं बख्शती थी। पर शेर को कभी कभी छोटे जानवरों पर दया आ जाती थी और वह उन्हें नहीं खाता था।
इसी तरह दिन बीतते गए। एक बार शेर और शेरनी एक वृक्ष के नीचे विश्राम कर रहे थे। उसी वृक्ष के पास एक चूहे का बिल था। उसी बिल में चूहे का एक बड़ा परिवार रहता था। चूहे का परिवार बहुत ही खुशी से अपने दिन बिताता था। शेर और शेरनी की गुर्राहट से चूहे का परिवार घबरा गया और परिवार के मुख्या ने सभी चूहों को आदेश दिया कि वह जल्द से जल्द बिल पर छुप जाए।

चूहे अभी छिप ही रहे थे कि खूंखार शेरनी की पैनी नजर एक चूहे पर पड़ी। उसने देखा यह चूहे हम से डर कर छिप रहे हैं तभी अचानक शेरनी ने उन पर हमला किया और दो चूहे उसके चंगुल में फंस गए। वह चूहे रोने लगे और वह घबरा गए। उन्होंने शेरनी से बहुत विनती की कि वह हमें छोड़ दे हमें अपने परिवार के पास जाने दे पर शेरनी ने चूहों की एक ना सुनी। यह दृश्य देख शेर को चूहों पर बहुत दया आई उसने शेरनी से कहा तुम इन्हें जाने दो बख्श दो। मैं तुम्हारे खाने के लिए कुछ और बंदोबस्त करता हूं। तभी चूहों ने शेरनी से कहा हमें जाने दो हम कभी न कभी आपके काम अवश्य आयेंगे। यह सुनकर शेरनी ठहाके लगाकर हंसने लग पड़ी उसने कहा तुम छोटे से कमजोर जीव जंतु मेरे किस काम आओगे।
मैं इस पूरे जंगल पर राज करती हूं। मुझे किसी की क्या जरूरत है। जरूरत तो तुम्हें मेरी होगी यह कहकर उसने चूहों को पकड़ा और पटक कर दूसरे कोने में फेंक दिया और वहां से उठकर वह शेरनी चली गई। वह चूहे बच गए और घबरा कर अपने बिल की और भाग गए। चूहों का परिवार उन्हें सही सलामत देख कर खुश हो गए। इसी तरह दिन बीतते गए एक दिन की बात है जंगल में एक बहुत बड़ा गड्ढा था। उसी गड्ढे में शिकारियों ने चुपके से बहुत बड़ा जाल बिछा रखा था और उस गड्ढे के ऊपर सूखे पत्ते रखे थे। उसी रास्ते से शेर और शेरनी गुजर रहे थे।
अचानक से शेर का पैर फिसल गया और वह उस गड्ढे में जा गिरा। वह गड्ढा काफी गहरा था और शिकारियों के द्वारा बिछाए गए जाल में बुरी तरह फंस गया। शेरनी ने बहुत कोशिश की कि वह अपने शेर को बचा पाए पर वह नाकामयाब रही। शेरनी बहुत रोने लगी शेर की यह हालत देख। वह दोनो उस वक्त खुदको बहुत असहाय महसूस कर रहे थे। शेरनी को लग रहा था कि वह अपने शेर को खो देगी और शिकारी उसे कैद कर लेंगे। वह रो ही रही थी कि अचानक चूहों का परिवार बिल से बाहर आया और उन्होंने शेरनी से पूछा आप क्यों रो रही हो? शेरनी ने सारी बात बताई और चूहों ने जब ऊपर से गड्ढे में देखा तो शेर बहुत मायूस और असहाय पड़ा था।
तब उस चूहे के पूरे परिवार ने योजना बनाई और वह पूरा परिवार झट से उस गड्ढे में कूद पड़ा। यह देख शेरनी भी हैरान हुई कि आखिर चूहे गड्ढे में क्यों कूदे। फिर देखते ही देखते चूहों ने अपने नुकीले दांतो से जाल को काट कर रख दिया और शेर वहां से मुक्त हो गया। शेर उस गड्ढे से निकल गया। शेर को सुरक्षित देख शेरनी की आंखों में आंसू आ गए। शेर और शेरनी ने चूहे के परिवार का धन्यवाद किया। उस समय शेरनी को अपनी गलती का एहसास हुआ कि उसने चूहों को छोटा समझ कर बहुत बड़ी गलती की है।
नैतिक शिक्षा:
तो प्यारे बच्चों इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि ‘हमें किसी के शरीर को देखकर उनकी क्षमताओं को नहीं जांचना चाहिए बल्कि किसी को भी छोटा या कमोजोर ना समझें”।
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2.आलसी शेर और चतुर चूहे की कहानी – Story of Lazy Lion and Clever Mouse – Moral of the Story Lion and the Mouse in Hindi
यह कहानी है आलसी शेर और चतुर चूहे की चलिए शुरू करते हैं। एक बार एक शेर अपने माता पिता के साथ गिर नामक घने जंगल में रहा करता था। इस शेर की एक गंदी आदत थी वह बहुत आलसी था। अक्सर तो शेर बहुत चतुर हुआ करते हैं ना जाने क्यों यह शेर बहुत आलसी था। शायद अपने माता पिता के ज्यादा लाड़ दुलार के कारण। उसके माता-पिता उसके आलस से परेशान रहते थे। वह अक्सर उस शेर को समझाया करते थे अगर तुम आलस करोगे तो तुम अपने भोजन की खोज कैसे कर पाओगे।
अपने जीवन का निर्वाह कैसे करोगे? हम कब तक तुम्हारे भोजन की व्यवस्था करेंगे। एक ना एक दिन हम भी मर जाएंगे तो तुम खुद को कैसे पालोगे। तो छोटा शेर सोचता था कि तब की तब देखी जाए। इसी तरह वह अपनी गुफा में पड़ा पड़ा सोया रहता था। जब उसके माता-पिता मांस का टुकड़ा लेकर आए तो वह उसी टुकड़े को खुशी-खुशी से खाता था। इसी तरह दिन बीतते चले गए। एक दिन उसके माता-पिता खाने की तलाश में जंगल की ओर निकले। अब दोनो शेर और शेरनी काफी बूढ़े हो चुके थे।

दोनों भोजन की खोज कर ही रहे थे कि अचानक से जवान शेरों का एक झुंड उनकी और बड़ा और दोनो पर हमला किया। दोनो काफी बूढ़े होने की वजह से ज्यादा तेज दौड़ भी ना सके। और उस शेर के झुंड ने इन्हें धर दबोचा और इन्हें काट लिया। और वह दोनो शेर और शेरनी मर गए। वहीं दूसरी ओर छोटा शेर अपने माता-पिता का बेसब्री से इंतजार कर रहा था। क्योंकि उसे बहुत तेज़ भूख लगी थी। तो वह काफी देर इंतजार करता रहा और वह सो गया।
अगले दिन जब उसकी नींद खुली तो वह यह देखकर घबरा गया कि उसके माता-पिता तो अभी तक नहीं पहुंचे और उसे अब उसे अपने माता-पिता की चिंता होने लगी। अब उसे भूख बहुत लगी थी। वह बाहर जाने की सोचने लगा और उसे यह भी लग रहा था कि उसने तो कभी भी अपने भोजन की व्यवस्था खुद नहीं कि उसे तो यह भी मालूम नहीं कि आखिर शिकार कैसे करते हैं। इसी तरह वह फिर पूरा दिन भूखा रह गया शाम ढलते ढलते उसने देखा कि एक मोटा ताजा चूहा उसके गुफा में घूम रहा है तो शेर ने सोचा क्यों ना अपनी थोड़ी सी भूख इस चूहे को खाकर मिटाई जाए।
उसे तो यह भी नहीं पता था कि आखिर चूहे पर झपटना कैसे हैं। उसने बहुत कोशिश की पर चूहा उसके हाथ ना लगा। इसी तरह वह उसे पकड़ने की कोशिश करता तो चूहा उछल के शेर के ऊपर आ जाता। तो इसी तरह कुछ देर यूं ही चलता रहा थोड़ी देर बाद जब शेर उसे पकड़ ना सका तो चूहे ने कहा तुम छोटे से शेर मुझे क्यों पकड़ना चाहते हो? मेरा शिकार क्यों करना चाहते हो? तो उस शेर रे सारी बात बताई और शेर ने यह भी कहा कि वह कई दिनों से भूखा है। उसने कुछ भी नहीं खाया है तो यह सुनकर चूहे को उस पर दया आ गई।
चूहे ने शेर से कहा कि जब मैं तुम्हारी गुफा की ओर आ रहा था तो वहां गुफा के बगल में ही कुछ मांस के टुकड़े पड़े हुए थे। तो चूहा शेर को मांस के टुकड़ों तक लेकर गया और शेर मांस के टुकड़ों को देखकर बेहद खुश हुआ और उसने झट से वह मांस के टुकड़े उठाए और अपनी गुफा की ओर आ गया। वहां बैठकर उसने सारा मांस खाया और तृप्त हो गया। इसी तरह उसने चूहे का धन्यवाद किया और उसे यह भी कहा कि क्या तुम मुझसे दोस्ती करोगे? इसी तरह दोनों की दोस्ती हो गई और अब अक्सर चूहा शेर की मदद करता था उसे भोजन ढूंढने में।
Moral of the Story:
तो प्यारे बच्चों इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि “हमें कभी किसी को छोटा नहीं समझना चाहिए ना जाने कब कौन कहां हमारे काम आ जाए“।
CONCLUSION:
Moral of the Story Lion and the Mouse in Hindi – तो बच्चों कैसी लगी आपको हमारी यह शेर और चूहे की कहानी। आशा करती हूं यह Moral of the Story Lion and the Mouse in Hindi कहानी आपको बहुत मजेदार लगी होंगी। अगर आपको हमारी यह कहानी पसंद आई हो तो आप अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें। अगर इन कहानियों को लेकर कोई प्रश्न या सुझाव हो तो नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में जरूर कमेंट करें धन्यवाद।
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1.क्या Top 10 Moral Stories in Hindi से हमें नैतिक शिक्षा का ज्ञान मिल सकता है?
जी हां। आप बिल्कुल सही जगह पर हैं अगर आप नैतिक शिक्षा का ज्ञान पाना चाहते हैं। यह कहानियां मजेदार होने के साथ साथ बहुत है शिक्षाप्रद हैं।
2. क्या इन कहानियों में चित्रों का इस्तेमाल किया गया है?
जी हां। इन कहानियों को और भी मजेदार और पढ़ने में आसान बनाने के लिए हमने इसमें चित्रों का इस्तेमाल किया है। ताकि यह कहानियां बड़ों के साथ साथ बचे भी पढ़ सकें।
3. यह कहानियां बच्चों के लिए पढ़ने योग्य है?
जी हां। यह कहानियां खास हमने बच्चों का ध्यान रख कर बनाई हैं। ताकि बड़ों के साथ साथ बच्चे भी इन कहानियों का लुफ्त उठा सकते हैं और इनसे अच्छी सीख ले सकते हैं और अच्छे बुरे का ज्ञान समझ सकते हैं।
4. क्या इन कहानियों के अंत में नैतिक शिक्षा दी गई है?
जी हां। हर एक कहानी के अंत में आपको short and sweet सी नैतिक सीख दी गई है। जो समझने में बहुत आसान है।