10 Best Moral Stories in Hindi For Class 3 – नैतिक कहानियां 2023 – हिंदी में | Hindi Story for Class 3

Moral Stories in Hindi For Class 3 -🙏🏻 हेलो प्यारे बच्चों आज हम आपके लिए लेकर आए हैं बहुत ही खास और मजेदार Moral Stories in Hindi For Class 3 माता-पिता से निवेदन है कि वह अपने बच्चों को यह कहानियां पढ़ा कर भी सुना सकते हैं। इंटरनेट की दुनिया में यह कहानी बहुत Best और Unique साबित हुई हैं। हालांकि समय बदल चुका है। अधिकांश बच्चे आज अपना समय स्मार्ट फोन्स पर गेम खेलकर बिताते हैं। अगर आप अपने बच्चों को नैतिकता का पाठ पढ़ाना चाहते हैं तो ये चुलबुली और मजेदार कहानियां आपकी मदद कर सकती हैं। इन सभी “Short and Sweet”कहानियों का संग्रह आप पूरी पढ़ें।

1.मछली और मछवारे की कहानी – Fish and Fisherman Story – Moral Stories in Hindi For Class 3

मछली और मछवारे की कहानी - Fish and Fisherman Story - Moral Stories in Hindi For Class 3

प्यारे बच्चों आज हम आपके लिए लेकर आए हैं बहुत ही मजेदार कहानी जो है 4 मछलियों की। एक बार एक तालाब में चार मछलियां रहा करती थी। वह सब बचपन से ही साथ थे। एक बार तालाब के किनारे से कुछ मछवारे गुज़र रहे थे।

उनमें से एक मछवारा जिसका नाम रामू था। वह कहने लगा अगर यह रंग बिरंगी मछलियां तालाब के ऊपर आ जाए तो यदि हमारे जाल में फस जाए तो मज़ा ही आ जाए। इन मछलियों को बाज़ार में बेचकर ढेर सारा धन कमा सकते हैं। यह सुनकर उसके दूसरे साथियों ने भी उसका समर्थन किया।

मछवारों ने योजना बनाई कि वह अगले दिन जरूर आएंगे और मछलियों का शिकार करेंगे। मछुआरों की यह बातें उन चार मछलियों ने सुन ली। यह सब सुनकर वह घबरा गए। उनमें से एक मछली कहने लगी कि अब हमें इस तालाब को छोड़ देना चाहिए। हमें अपनी जान बचाकर दूसरे तलाब में जाना चाहिए।

उनमें से एक मछली कहती है कि नहीं वह अपने परिवार को छोड़कर कहीं नहीं जा सकती। मेरा परिवार इसी तालाब में कई वर्षों से रह रहा है। वह फैसला करती है कि वह तालाब छोड़कर कहीं नहीं जाएगी। अगले ही दिन मछवारे चुपके से आए अचानक जाल बिछाया और ढेर सारी मछली को अपने जाल में फंसा लिया। उनमें से एक मछली ने मरे होने का नाटक किया।

मछवारे ने देखा कि यह मछली तो पहले से ही मरी है। मछवारे को लगा मरी हुई मछली को खाना बेहतर नहीं तो वह मछली को पकड़कर पानी की ओर फेंक देता है और जैसे ही मछली पानी में आकर गिरती है वह चैन की सांस लेती है। तो इस प्रकार मछली ने अपनी बुद्धि का सहारा लेकर अपनी जान को बचाया और बच्चों यह वही मछली थी जो कह रही थी कि वह अपने परिवार को छोड़कर कहीं नहीं जाएगी।

नैतिक शिक्षा:

तो प्यारे बच्चों इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि “भाग्य भी उसी का साथ देता है जो बुद्धि से काम लेता है”

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2.शेर और चूहे की कहानी – Lion and Mouse Story – Moral Stories in Hindi For Class 3

प्यारे बच्चों आपको सुनाने जा रहे हैं बहुत ही चुलबुली और मजेदार कहानी जो है शेर और चूहे की। एक घने जंगल में एक शेर रहा करता था। वह बहुत ही भयानक था। सारे जानवर उससे थरथर कांपते थे। वह जब जंगल में घूमता था तो सभी जानवर छिप जाते थे।

उस शेर की दहाड़ सुनकर सभी जानवर छिप जाया करते थे। शेर अपनी गुफा से बाहर आया और वह भोजन की तलाश में इधर-उधर भटकने लगा फिर उसे एक हिरण दिखा। उसने हिरण का पीछा किया और उसे काट कर खा गया।

वह उसे खाकर तृप्त हो गया। शेर ने सोचा कि थोड़ा आराम किया जाए। वह एक घने पेड़ के नीचे आराम करने बैठ गया। शेर खर्राटे मार कर सो रहा था। तभी पास के एक बिल से चूहा निकला उसने सोचा क्यों न शेर के साथ मस्ती की जाए। वह शेर के ऊपर उछल कूद करने लगा।

उसकी उछल कूद से तंग होकर शेर अचानक उठकर दहाड़ने लगा और चूहे को अपने पंजों में झपट लिया। चूहा यह देखकर घबरा गया। उसने शेर के सामने हाथ जोड़े और उससे माफी मांगी। चूहे ने कहा शेर राजा मुझे माफ करो। शेर का पेट भरा हुआ था तो वह चूहे को खाने के मूड में बिल्कुल भी नहीं था। चूहे ने कहा मुझे बख्श दो मैं आपके कभी ना कभी काम जरूर आऊंगा।

उसकी यह बात सुनकर शेर को हंसी आ गई और वह जोर-जोर से हंसने लगा। शेर ने कहा तुम छोटे से चूहे मेरे किस काम आ सकते हो पर उस चूहे की यह बात सुनकर शेर को दया आ गई और उसने उसे जाने दिया। एक दिन इसी तरह शेर अपने भोजन की तलाश में भटक रहा था और वह भटकते भटकते थक गया। उसने सोचा क्यों न विश्राम किया जाए।

उस दिन कुछ शिकारी जंगल में शिकार करने आए थे। उन्होंने जाल बिछाया था। शेर दुर्भाग्यवश उनके बिछाए जाल में फस गया। शेर ने बहुत कोशिश की अपने आप को छुड़ाने की पर वह नाकामयाब रहा।इसी कारण शेर जोर-जोर से दहाड़ने लगा उसकी दहाड़ सुनकर चूहा उसके पास आ गया। चूहे ने अपने नुकीले दांतों से उस जाल को कुतर दिया। शेर का जाल खुल गया और शेर उसमे से आजाद हो गया। शेर ने चूहे का धन्यवाद किया।

नैतिक शिक्षा:

तो प्यारे बच्चों इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि “हमें कभी किसी को छोटा नहीं समझना चाहिए ना ही किसी का आकार देखकर हमे उनकी क्षमताओं को जज करना चाहिए”।

3.लालची चूहे और स्ट्रॉबेरी की कहानी – Greedy Mouse and Strawberry Story – Moral Stories in Hindi For Class 3

लालची चूहे और स्ट्रॉबेरी की कहानी - Greedy Mouse and Strawberry Story - Moral Stories in Hindi For Class 3

यह कहानी है एक लालची चूहे की। एक चूहा अपने बिल में रहा करता था। उसी बिल के पास एक स्वादिष्ट स्ट्रॉबेरी का बगीचा था। वह चूहा हमेशा ताक लगाए बैठता था कि कब स्ट्रॉबेरी के बगीचे का मालिक यहां वहां व्यस्त हो जाए और वह स्ट्रॉबेरीज को चुराए।

चूहा इसी फिराक में रहता था। एक दिन चूहे का मकसद पूरा हो जाता है। चूहे को बगीचे में एक स्वादिष्ट स्ट्रॉबेरी की टोकरी भरी हुई दिखाई देती है। वह स्ट्रौबरी से भरी टोकरी देखकर बहुत ललचाता है। वह आसपास देखता है कोई भी नहीं था।

वह इसी मौके का फायदा उठाकर उस टोकरी को अपने नुकीले दांतों से कुतर देता है। टोकरी के अंदर घुस जाता है वह खूब सारी स्ट्रॉबेरी खा लेता है। जब उसका पेट भर जाता है तो वह उस टोकरी से बाहर आने की कोशिश करता है। पर वह बाहर नहीं आ पाता।

क्योंकि उसने ढेर सारी स्ट्रॉबेरी खा ली थी और उसका पेट बहुत बड़ा हो चुका था। वह टोकरी से निकल नहीं पाता। चूहा बहुत रोने लगता है। तभी वहां से एक गिलहरी गुजरती है गिलहरी चूहे की रोने की आवाज सुनकर चूहे से पूछती है तुम रो क्यों रहे हो? चूहा सारी बात उसे बताता है।

गिलहरी कहती है जरूरत से ज़्यादा खाने से तुम्हारा पेट बड़ा हो गया है इसलिए तुम बाहर नहीं आ पा रहे हो तुम अपने पेट के कम होने का इंतजार करो। चूहा अगले दिन का इंतजार करता है। अगले दिन सुबह उठते ही उसका पेट खाली होता है। वह फिर से स्ट्रौबरी को देखकर लालच करता है और फटाफट से ढेर सारी स्ट्रॉबेरी खा लेता है।

अचानक उसे ध्यान आता है कि उसका पेट फिर से बड़ा हो गया है अब वह कैसे निकल पाएगा। वह कोशिश करता है और असमर्थ हो जाता है। वह सोचता है कोई बात नहीं मैं कल यहां से बाहर निकल जाऊंगा। अगली सुबह चूहा आराम से सोया हुआ था उसके खर्राटे की आवाज सुनकर वहां से गुजरती हुई बिल्ली टोकरी के पास आ जाती है। मौके का फायदा उठाते हुए बिल्ली चूहे को खा जाती है।

नैतिक शिक्षा:

तो प्यारे बच्चों इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि “ज्यादा लालच भी मौत का कारण बन सकती है” इसलिए लालच से बचें।

4.लकड़हरा और जिज्ञासु बंदर की कहानी – Woodcutter and Curious Monkey story – Moral Stories in Hindi For Class 3

प्यारे बच्चों यह मज़ेदार कहानी है लकड़हारा और बंदर की। एक बार एक लकड़हारा जंगल में पेड़ काट रहा था। उसने पेड़ काट दिया पेड़ काटने के बाद वह उस पेड़ को बीच से चीरने की कोशिश कर रहा था। पेड़ को चीरने के लिए लकड़हारे ने एक बड़ी सी कील का इस्तेमाल किया।

वह हथौड़ी की सहायता से कील को पेड़ में दबा रहा था। काफी समय बीत गया लकड़हारे को भूख भी लगी और वह थक भी गया था। वह विश्राम करने के लिए एक पेड़ के नीचे आराम करने गया। उसी पेड़ के ऊपर एक बंदर बैठा था। वह काफी देर से इस लकड़हारा को देख रहा था और बंदर को उस कील को लेकर जिज्ञासा हुई।

उसने सोचा कि इस कील को लकड़ी के बीच में क्यों डाल रहा है और वह छलांग लगाते हुए उस कटे हुए पेड़ के पास पहुंचा और उस कील को पेड़ में से निकालने की कोशिश करने लगा।उस कील की वजह से पेड़ के बीच में दरार पड़ गई थी और उस दरार में बंदर की पूंछ फस गई। जैसे ही बंदर ने जोर लगाकर कील निकाली और ऐसा करते ही बंदर की पूंछ कट गई और वह जोर जोर से रोने लगा और उसे अपनी पूंछ से हाथ धोना पड़ा।

नैतिक शिक्षा:

तो प्यारे बच्चों इस कहानी से यह सीख मिलती है कि “हमें कुछ भी करने से पहले अच्छे से सोच लेना चाहिए”। किसी भी चीज को लेकर उतावला नहीं होना चाहिए बल्कि सोच समझ कर ही फैसला लेना चाहिए।

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5.चींटी और गुड़ की कहानी – Story of Ant and Jaggery – Moral Stories in Hindi For Class 3

बच्चों यह है बहुत ही मजेदार कहानी जो है चींटी और गुड़ की। एक बार एक लाल चींटी खाने की तलाश में इधर उधर भटक रही थी। कुछ देर चलते चलते उसे एक घर दिखाई दिया। उस घर के आंगन में उसे छोटा गुड़ का टुकड़ा दिखाई दिया। वह टुकड़ा उसके लिए बहुत बड़ा था। वह उस गुड़ के टुकड़े को देखकर बहुत खुश हो गई। उसने गुड़ को खाना शुरू किया।

उसका पेट तो भर गया पर उसका मन ना भरा। वह उस गुड़ को लगातार खाती गई। अब वह थक गई थी वह चल भी नहीं पा रही थी। उसने सोचा क्यों ना यही थोड़ी देर आराम कर लिया जाए और वह आराम से उस गुड़ के टुकड़े के पास ही सो गई। अचानक एक तिलचट्टा वहां आया उसने चींटी को देखा और सोचा कि वह चींटी मरी पड़ी है।

चींटी और गुड़ की कहानी - Story of Ant and Jaggery - Moral Stories in Hindi For Class 3

उसने जैसे ही चींटी पर हमला करना चाहा। चींटी को इस खतरे का एहसास हुआ और वह जल्दी से उठ कर भागने लगी जितनी दूर वह भाग सकती थी। उसी पल चींटी को एहसास हुआ कि वे अपने जीवन को कभी इस तरह खतरे में नहीं डालेगी। ज्यादा के चक्कर में आज वह तिलचट्टे के हाथों मारी जाती। नैतिक शिक्षा:

तो प्यारे बच्चों को इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें खुद पर काबू पाना आना चाहिए और ज्यादा के चक्कर में अपने जीवन को खतरे में डालना बेवकूफी का काम है। इसीलिए कहा गया है “Moderation is key”

6.जल्दी न्याय करना व्यर्थ – Quick Judgement Futile – Hindi Story for Class 3

बच्चों यह कहानी है बहुत ही छोटी सी और प्यारी सी इस कहानी को पढ़कर आप सीखोगे बहुत प्यारी सी बात। दिव्या और उसकी मम्मी इंदौर शहर में रहा करते थे। एक बार दिव्या अपने आंगन में खेल रही थी और दिव्या के खिलौनों के पास एक टोकरी में दो सेब रखे थे। उसकी मां ने दिव्या से कहा दिव्या एक सेब मुझे भी दो। दिव्या ने फटाफट से दोनों सेब झूठे कर दिए।

यह देख दिव्या की मां हैरान हो गई। वह गुस्से में अंदर चली गई। दिव्या की मां ने सोचा कि दिव्या ने दोनो सेब झट से झूठे कर लिए ताकि उसे मुझे ना देना ना पड़े पर दिव्या की मां गलत थी। दिव्या दौड़कर मां के पास गई और दिव्या ने कहा कि दूसरा सेब ज्यादा मीठा है तो आप मीठा सेब खाओ।

यह सुनकर दिव्या की मम्मी को पछतावा हुआ। दिव्या ने तो इसलिए दोनो सेब झूठे किए थे ताकि जान सके कि कौन सा सेब ज्यादा मीठा है और ज्यादा मीठा सेब ही वे अपनी मां को देगी। दुर्भाग्यवश दिव्या की मां ने उसे बहुत जल्दी जज कर लिया था।

नैतिक शिक्षा:

तो प्यारे बच्चों इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि “हमें जल्द ही किसी निष्कर्ष पर नही आना चाहिए ना ही जल्द न्याय करना चाहिए”।

7.महल और झोंपड़ी की कहानी – The Story of the Palace and the Hut – Moral Stories in Hindi For Class 3

बहुत पुरानी बात है एक राजा ने यह फैसला किया कि वह ऊंची पहाड़ी पर अपना महल बनाएगा। वहीं से वह पूरे राज्य पर नजर रखेगा। जब राजा का महल पूरा बनकर तैयार हो जाता है तो राजा वहां आता है। वह देखता है कि उसके आलीशान महल के पास ही एक पुरानी सी झोपड़ी है।

तो वह यह देखकर निराश होता है। वह कारीगरों को बुलाता है और कहता है कि यह गंदी सी झोपड़ी मेरे आलीशान महल के सामने क्या कर रही है तो कारीगर राजा से कहते हैं कि राजा साहब यह बहुत पुरानी झोपड़ी है इसमें एक बुढ़िया रहती है।

महल और झोंपड़ी की कहानी - The Story of the Palace and the Hut - Moral Stories in Hindi For Class 3

हमने बहुत कोशिश की उसकी झोपड़ी यहां से हटा दी जाए और उस से विनती भी कि उसे पैसों का लालच भी दिया पर उस पर किसी बात का कोई फर्क नहीं पड़ा और हमारे दिए गए पैसों के लालच को भी उस बुढ़िया ने ठुकरा दिया और यहां से जाने के लिए इंकार कर दिया।

तो राजा ने कारीगरों से कहा इस झोपड़ी को यहीं रहने दीजिए ताकि इस झोपड़ी को देखकर मुझे यह बात याद आती रहे कि पैसा सब कुछ खरीद नहीं सकता।

नैतिक शिक्षा:

तो प्यारे बच्चों इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि “पैसा ही सब कुछ नहीं होता अर्थार्थ पैसे से सब कुछ खरीदा नहीं जा सकता”।

8.भोजन की बर्बादी का परिणाम की कहानी – The Story of the Consequences of Food Waste – Moral Stories in Hindi For Class 3

बच्चों यह कहानी है एक छोटे से लड़के की जिसका नाम था निशित। निशित हिमाचल प्रदेश के मनाली शहर में अपने माता पिता के साथ रहा करता था। पर निशित की एक गंदी आदत थी वह कभी भी खाने को पूरा नहीं खाता था। हमेशा खाना बर्बाद करता था। उसका खाना जब भी बच जाता वह उसे कूड़ेदान में फेंक देता था। उसके माता पिता उसकी इस गंदी आदत से बेहद परेशान थे।

उन्होंने उसे अनुशासन सिखाने के लिए उसे बोर्डिंग स्कूल में डाल दिया। अब वह हॉस्टल में जब भी खाना खाता तो उसके सीनियर्स उसे चिढ़ाते और उसे पूरा खाना खाने नहीं देते। इसी तरह दिन बीत गए बहुत बार ऐसा हुआ कि उसे खाने के बिना ही सोना पड़ा।

उसे अपनी गलती का एहसास हुआ तब उसे अपने वह पुराने दिन याद आ गए जब वह खाना बर्बाद किया करता था। उसे बहुत पछतावा हुआ कि उसने कितना खाना बर्बाद किया और कूड़ेदान में फेंका है।

नैतिक शिक्षा:

तो प्यारे बच्चों इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि “हमें उस हर चीज की कदर करनी चाहिए जो अभी हमारे पास है क्या पता कल हमे उन्हीं चीजों के लिए तरसना पड़े”

9.गुस्सैल बच्चे की कहानी – The Story of Angry Child – Moral Stories in Hindi For Class 3

प्यारे बच्चों यह कहानी है एक गुस्सैल बच्चे की। राजस्थान के परिवार में एक बच्चा अपने माता-पिता के साथ रहता था। उस बच्चे का नाम ललित था। ललित हमेशा गुस्से में रहा करता था। वह अपने गुस्से पर काबू पाने में अकसर असफल हो जाया करता था।

एक बार ललित के पिता ने उसे सबक सिखाने के लिए कील का थैला और साथ में हथौड़ी भी दी। पिता ने ललित से कहा जब जब तुम्हे गुस्सा आए या अपने गुस्से पर काबू ना कर पाओ तो यह कील घर के पीछे पुरानी दीवार पर ठोक दिया करो। उसने अपने पिता की बात मानी।

गुस्सैल बच्चे की कहानी - The Story of Angry Child - Moral Stories in Hindi For Class 3

पहले दिन तो वह दीवार का हिस्सा काफी भर गया था। उसे पूरा दिन गुस्सा आता ही रहा। अगले दिन उसे थोड़ा कम गुस्सा आया और इस बार दीवार पर काम कीलें ठुंकी। फिर देखते ही देखते उसके गुस्से पर उसने काबू पा लिया और अब किले बहुत कम दीवार पर वह ठोकने लगा।

ललित के पिता ने इस बार उससे कहा कि तुम्हें जब जब अपनी गलती का एहसास हो तो तुम यहां से एक कील निकाल दिया करो। इसी तरह ललित हर दिन कील निकालता गया। अब आखरी दिन भी आ गया जब दीवार पर एक ही कील रह गई थी जैसे ही उसने वह कील निकाली तो उसके पिता ने ललित से कहा देखो दीवार पर कितने गहरे निशान पड़ गए हैं।

इसी तरह जब हम बिना सोचे समझे गुस्से में किसी को भी बुरा भला कहते हैं तो उनके मन में भी इसी तरह गहरे निशान पड़ जाते हैं। दिल में चोट भी लगती है। तो यह बात सुनकर ललित सब समझ गया कि आखिर पिता इन कीलों के द्वारा उसे क्या समझाना चाहते थे। उसे अपने किए पर बहुत पछतावा हुआ और ललित ने फैसला किया कि अब वह कभी क्रोधित नहीं होगा।

नैतिक शिक्षा:

तो प्यारे बच्चों इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें “कभी किसी का दिल नहीं दुखाना चाहिए हमें अपने गुस्से पर काबू करना आना चाहिए”

10.बहरे मेंढक के साहस की कहानी – The Story of Courage of Deaf Frog – Moral Stories in Hindi For Class 3


प्यारे बच्चों यह कहानी है साहसी मेंढक की चलिए आगे पढ़ते हैं। एक बार मेंढकों का झुंड एक नए तालाब की खोज में भटक रहे थे। तभी उन्हें दूर से तालाब दिखाई देता है। वह जैसे ही तालाब की ओर बढ़ते हैं। वहीं तालाब के पास एक बड़ा गहरा कीचड़ से भरा गड्ढा था। अचानक से दो मेंढक वहां गिर जाते हैं और फंस जाते हैं।

वह दोनों मेंढक बहुत कोशिश करते हैं अपने आप को उस गड्ढे से निकालने की। वह बहुत उछल कूद करते हैं पर उनका प्रयास सफल नहीं हो पाता। बाकी मेंढक उन्हें यह कह रहे थे कि इतने गहरे गड्ढे से बाहर निकलना नामुमकिन है। वह उन्हें लगातार डिमोटिवेट कर रहे थे और उन्हें हिम्मत भी नहीं दे रहे थे। पर उन मेंढकों पर उनकी बात का कोई असर नहीं पड़ा।

धीरे-धीरे उनमें से एक मेंढक थक गया और वह बाकी मेंढकों के द्वारा बोली गई बातों में आने लगा और उनकी बात पर विश्वास करने लगा की वह इस गड्ढे से बाहर नहीं निकल सकते। वह मेंढक उनकी बातों में आ गया। उसने अपनी हिम्मत हार दी और वह वही कीचड़ में फंस कर मर गया।

वही दूसरा मेंढक अपनी हिम्मत ना हारते हुए लगातार उछल कूद कर रहा था। प्रयास करते करते अचानक से वह उस गड्ढे से बाहर आ गया। बाकी मेंढक यह देख कर हैरान रह गए उन्होंने उससे पूछा यह कैसे मुमकिन है इतने कीचड़ भरे गहरे गड्ढे से निकलना बिल्कुल असंभव है।

तुम कैसे निकल पाए। तभी पीछे से ये सब दृश्य देख रही चिड़िया की आवाज आती है वह चिड़िया कहती है यह मेरा मित्र है और इसे कान से बिल्कुल नहीं सुनाई देता है। यह बहरा है। वह यह भी कहती है जब तुम इनकी हिम्मत को कम कर रहे थे और तुम इन्हें प्रेरणाहीन कर रहे थे। तब इस बहरे मेंढक को लग रहा था कि तुम इसे बाहर आने के लिए प्रेरित कर रहे हो। इसी उत्साह से यह बाहर निकल आया।

नैतिक शिक्षा:

तो प्यारे बच्चों इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि “हमें दूसरों की बातों को अपने जीवन पर प्रभावित होने नहीं देना चाहिए”। बल्कि अपने जीवन के प्रति सोच समझकर ही फैसला लेना चाहिए।

CONCLUSION:

Moral Stories in Hindi For Class 3 – तो प्यारे बच्चों वा बड़ों कैसी लगी आपको हमारी यह Moral Stories in Hindi For Class 3 unique वा बेहतरीन कहानियां। मैं आशा करती हूं आपको हमारी यह कहानियों का संग्रह बेहद पसंद आया होगा। यह चुलबुली मजेदार कहानियां आपके बच्चों को सीखने में बेहद मददगार साबित होंगी और यह इंटरनेट की दुनिया में सबसे बेहतरीन कहानी है। जो आपके छोटे प्यारे बच्चों को नैतिकता का पाठ समझने में बहुत सहायक साबित होंगी। अगर आपको हमारी यह Moral Stories in Hindi For Class 3 कहानियां पसंद आई है तो आप इन्हे अपने दोस्तों व परिवार के साथ जरूर शेयर करें। अगर आपको इन कहानियों से संबंधित कोई भी प्रश्न हो तो प्लीज आप नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में अपना कमेंट जरूर लिखें धन्यवाद।🙏🏻

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1.क्या Top 10 Moral Stories in Hindi से हमें नैतिक शिक्षा का ज्ञान मिल सकता है?

जी हां। आप बिल्कुल सही जगह पर हैं अगर आप नैतिक शिक्षा का ज्ञान पाना चाहते हैं। यह कहानियां मजेदार होने के साथ साथ बहुत है शिक्षाप्रद हैं।

2. क्या इन कहानियों में चित्रों का इस्तेमाल किया गया है?

जी हां। इन कहानियों को और भी मजेदार और पढ़ने में आसान बनाने के लिए हमने इसमें चित्रों का इस्तेमाल किया है। ताकि यह कहानियां बड़ों के साथ साथ बचे भी पढ़ सकें।

3. यह कहानियां बच्चों के लिए पढ़ने योग्य है?

जी हां। यह कहानियां खास हमने बच्चों का ध्यान रख कर बनाई हैं। ताकि बड़ों के साथ साथ बच्चे भी इन कहानियों का लुफ्त उठा सकते हैं और इनसे अच्छी सीख ले सकते हैं और अच्छे बुरे का ज्ञान समझ सकते हैं।

4. क्या इन कहानियों के अंत में नैतिक शिक्षा दी गई है?

जी हां। हर एक कहानी के अंत में आपको short and sweet सी नैतिक सीख दी गई है। जो समझने में बहुत आसान है।

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