Top 10+Moral Stories in Hindi for Class 5 | कक्षा 5 के लिए नैतिक कहानियां 2023 | Moral Stories for Class 5 in Hindi

Moral Stories in Hindi for class 5 – हेलो प्यारे बच्चों आज मैं आपके लिए लेकर आई हो बहुत ही मजेदार Moral Stories in Hindi for class 5 यह कहानी मजेदार होने के साथ-साथ आपको नैतिक शिक्षा भी देगी। मैं यहां केवल आपका मनोरंजन ही नहीं बल्कि इन कहानियों के माध्यम से आपके भोले मनों में नैतिकता का बीज बोने की कोशिश करती हूं। आशा करती हूं यह कहानियां आपको बेहद पसंद आएगी। हालांकि जमाना बदल चुका है बच्चे अब फोन पर ज्यादा वीडियोस देखना या गेम खेलना पसंद करते हैं।

इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में वह नैतिक शिक्षा का पाठ पढ़ना कहीं ना कहीं भूल गए हैं। माता-पिता से भी अनुरोध है कि वह अपने बच्चों को इन कहानियों को जरूर पढ़ाएं ताकि इन कहानियों से सीख लेकर वह अपने जीवन में अच्छा मार्गदर्शन पाएं। यह कहानियां ही तो है जो हमें बचपन में सुनाई गई आज भी याद है तो कहानियों का जादू चलने दे और बच्चों को वीडियो गेम्स के दुरुपयोग से दूर रखें। तो चलिए शुरू करते हैं।

1. Penguin की हिम्मत की कहानी | Moral Stories in Hindi for class 5

एक बार अंटार्कटिका में बहुत सारे पेंगुइन पानी में खूब मस्ती कर रहे थे। दूर बैठा एक नन्हा सा पेंगुइन उन्हें निहार रहा था पर उसे पानी से बेहद डर लगता था इसीलिए वह तैरने से कतरा रहा था।

Penguin की हिम्मत की कहानी | Moral Stories in Hindi for class 5

पर कहीं ना कहीं उसका मन भी था कि वह अपने दोस्तों के साथ मस्ती करें। वह कुछ देर यूं ही देखता रहा। तभी उसके एक दोस्त ने उसे हिम्मत दी और पानी में आने को कहा। छोटा penguin बहुत घबराया हुआ था।

दोस्तों के बहुत कहने पर उसने हिम्मत जताई और वह पानी में कूद पड़ा। इसी तरह अब उसे पानी में मज़ा आने लगा और उसे खुद पर बहुत गर्व महसूस हुआ।

Moral of the Story:

प्यारे बच्चों इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि “डर के आगे जीत है”

2.धन , ज्ञान और विश्वास की कहानी | Moral Stories in Hindi for class 5

बहुत पुरानी बात है तीन दोस्त थे। एक का नाम था “धन” दूसरे का नाम था “ज्ञान” और तीसरे का नाम था “विश्वास”।

वह तीनों हमेशा साथ ही रहा करते थे। एक दिन किसी कारणवश उन्हें अलग होना पड़ा और अलग होने से पहले तीनों ने एक दूसरे से सवाल किया कि अब हम कब मिलेंगे?

धन ने कहा कि मैं अमीरों के घर पर मिला करूंगा। ज्ञान ने कहा कि मैं मंदिर मस्जिदों में मिला करूंगा।

विश्वास ने कुछ ना कहा धन और ज्ञान के पूछे जाने पर विश्वास फूट-फूटकर रोते हुए जवाब दिया कि मैं एक बार चला गया तो फिर कभी नही मिलूंगा।

नैतिक शिक्षा:

तो बच्चों इस कहानी Moral Stories in Hindi for Class 5 से हमें यह सीख मिलती है कि “ज्ञान और धन तो हम कभी भी प्राप्त कर सकते हैं परंतु विश्वास एक ऐसी चीज है जो एक बार चली जाए तो उसे वापस पाना बहुत ही मुश्किल है”।

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3.अकबर और बीरबल की कहानी | Moral Stories in Hindi for class 5

आज की कहानी है अकबर और बीरबल की अकबर हमेशा बीरबल की बुद्धि की समय-समय पर परीक्षा लिया करते थे।

तो इसी तरह एक दिन बगीचे में टहलते हुए अकबर ने बीरबल से सवाल किया मैं तुमसे 2 सवाल पूछना चाहता हूं। तो बीरबल मुस्कुरा कर कहते हैं जी हुजूर पूछिए।

अकबर और बीरबल की कहानी | Moral Stories in Hindi for class 5

तो अकबर बीरबल से कहते हैं मेरा पहला सवाल है कि “ईश्वर कहां रहता है” ? और मेरा दूसरा सवाल है “ईश्वर कहां मिलता है”? बीरबल कहते हैं जहांपनाह मैं सोच विचार करके इन सवालों का जवाब कल दूंगा।

तो बीरबल सोचते-सोचते घर पहुंचते हैं और बीरबल का बेटा अपने पिता को गहरी सोच में डूबे हुए देख पूछता है पिताजी आप क्या सोच रहे हो? बीरबल सारी बात अपने बेटे को बताते हैं तो इस पर बीरबल का बेटा कहता है आप मुझे कल अकबर के पास जाने के लिए अनुमति दीजिएगा।

इन सवालों के जवाब में अकबर को देना चाहता हूं। इसी तरह अगले दिन बीरबल का बेटा दरबार में पहुंच जाता है और बीरबल अकबर से कहते हैं कि जो सवाल आपने पिछले कल पूछे उनका जवाब मेरा पुत्र देना चाहता है। अकबर हामी भरता है।

बीरबल का बेटा सेवकों से कहते हैं कि आप एक गिलास शक्कर घुला हुआ दूध लेकर आए। सेवक दूध लेकर आते हैं और बीरबल का बेटा यह दूध अकबर को पीने के लिए कहते हैं और यह भी कहते हैं कि जहांपनाह इस दूध का स्वाद कैसा है? तो अकबर जवाब में कहता है कि यह दूध तो मीठा है।

बीरबल का बेटा पूछता है क्या आपको इसमें शक्कर दिखाई दे रही है? अकबर जवाब देते हुए कहते हैं कि शक्कर तो इसमें घुल चुकी है। आखिर कैसे दिखाई देगी? तो बीरबल कहता है ठीक इसी प्रकार ईश्वर संसार के हर एक वस्तु में रचे बसे हुए हैं उनकी खोज करें तो वह हर एक वस्तु में बसे हैं।

बीरबल के बेटे ने सेवकों को फिर से आदेश दिया कि एक गिलास दही लेकर आए सेवकों ने यह दही अकबर के सामने पेश की और बीरबल ने बेटे ने कहा जहांपना क्या इस दही में आपको मक्खन दिखाई दे रहा है? अकबर जवाब में कहते हैं मक्खन तो दही मथने के बाद ही दिखाई पड़ेगा।

इसी प्रकार बीरबल का बेटा जवाब में कहता है जहांपनाह ठीक इसी तरह गहन मंथन से ही ईश्वर की प्राप्ति हो सकती है। यह सारे सवालों का जवाब सुनकर अकबर हैरान हो जाते हैं और बीरबल के बेटे की बुद्धि से खुश होकर उसे पुरस्कृत करते है।

Moral of the Story:

तो बच्चों इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि “बुद्धि से लिया गया फैसला हमेशा आपको विजई बनाता है”।

4.अमीर बाप की बिगड़ी औलाद | Moral Stories in Hindi for Class 5

एक बार एक अमीर इंसान अपने बिगड़े हुए बेटे के लिए बहुत ही परेशान था वह अमीर इंसान अक्सर अपने बेटे की बुरी आदतों की वजह से दुखी रहता था।

एक दिन वह इंसान यह फैसला लेता है कि वह अपने बेटे को किसी बुद्धिमान निर्देशक के पास लेकर जाएंगे और उनके निर्देशन में अपने बेटे को रखेंगे। उन्होंने ऐसा ही किया वह बुद्धिमान गुरु के पास गए और अपने बेटे को उन्हें सौंपा और अपने बेटे की आदतों के बारे में सब कुछ बताया।

तो गुरु ने हामी भरी और गुरु उस लड़के को अपने साथ एक सैर के लिए लेकर गए। रास्ते में चलते-चलते एक छोटा पौधा उन्हे दिखाई दिया। गुरुदेव ने उस लड़के से कहा कि इस पौधे को उखाड़ फेंको।

उस लड़के ने बहुत ही आसानी से वह पौधा उखाड़ कर फेंक दिया। कुछ दूर चलते ही एक बड़ा पौधा उनके रास्ते में आया। गुरुदेव ने दुबारा कहा कि इस पौधे को उखाड़ कर फेंको। वह लड़का गुरु की बात मान गया और इस बार उसे थोड़ी सी ज्यादा मेहनत लगी उस पौधे को उखाड़ने में। परंतु अंततः वह सफल हुआ।

कुछ देर चलते एक बड़ा पेड़ रस्ते में दिखाई दिया। गुरु ने फिर उस लड़के से कहा कि इस पेड़ को उखाड़ फेंको। लड़के की खूब मेहनत के बाद भी वह इस पेड़ को उखाड़ ना सका और वह थक हार कर परेशान हो गया।

तब गुरु ने उस लड़के को प्यार से समझाया कि इसी तरह हमारी भी कुछ बुरी आदतें अगर बचपन में ही सही समय में उखाड़ कर फेंक दी ना जाए तो वह इस पेड़ की तरह मजबूत होकर हमारे जीवन में हमारे सामने आती है। तब हम इसका कुछ नहीं बिगाड़ सकते और वह ताउम्र हमारे साथ रहती है।

नैतिक शिक्षा:

तो प्यारे बच्चों इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि “हमें कुछ बुरी आदतों को शुरुआती से ही उखाड़ फेंकना चाहिए ताकि आगे जाकर वह हमें परेशान ना करें”।

5.सुभाषचंद्र बोस की जीवनी | Biography of Subhash Chandra Bose | Moral Stories in Hindi for Class 5

सुभाषचंद्र बोस भारत देश के महान स्वतंत्रता संग्रामी थे उड़ीसा के एक परिवार में जज्बे सुभाष चंद्र बोस एक शब्द परिवार से संबंध रखते थे रोडे अपनी पूरी जिंदगी देश को अंग्रेजों के चंगुल से छुड़ाने के लिए न्योछावर कर दी।

सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 में हुआ था। इनका जन्म स्थान था कटक उड़ीसा। इन की मृत्यु 18अगस्त 1945 में जापान देश में हुई थी। उनके पिता का नाम जानकीनाथ बॉस और माँ का नाम प्रभावती था।

सुभाषचंद्र बोस की जीवनी | Moral Stories in Hindi for Class 5

इनके पिता का नाम जानकी दास बॉस और मां का नाम प्रभावती था। जानकीदास बॉस बहुत ही मशहूर वकील थे। और जानकीदास बोस और प्रभावती की कुल 14 संताने थी। 8 बेटे और 6 बेटियां। जिनमे से सुभाष चंद्र बोस उनकी नौवीं संतान थे।

बॉस बचपन से ही पढ़ाई लिखाई में बहुत ही रुचि रखते थे वहीं दूसरी और खेलकूद में उनकी बिल्कुल भी रुचि ना थी। अपनी स्कूल की पढ़ाई कटक से ही पूरी की थी और आगे की पढ़ाई के लिए वह कोलकाता चले गए।

वहां प्रेसीडेंसी कॉलेज में फिलासफी में उन्होंने b.a. किया। उसी कॉलेज में एक अंग्रेजी प्रोफेसर के द्वारा भारतीयों को सताए जाने के कारण नेता जी इस बात का बहुत विरोध करते थे। उस समय जातिवाद का मुद्दा आग की तरह बाद रहा था।

यह वही समय था जब नेताजी के मन में अंग्रेजों के प्रति जंग शुरू हुई। सिविल सर्विसेज में जाना चाहते थे पर उस समय भारतीयों के लिए सिविल सर्विसेज जैसी नौकरी करना बहुत ही मुश्किल था। नेताजी की इसी उत्साह को देखकर उनके पिता जानकीदास बॉस ने उन्हें सिविल सर्विसेज की परीक्षा के लिए इंग्लैंड भेज दिया।

यह परीक्षा नेता जी ने उत्तीर्ण की और वह इस परीक्षा में चौथे स्थान पर रहे। स्वामी विवेकानंद को अपना गुरु मानते थे। जी के बदले देश की आजादी को लेकर बहुत ही चिंता थी वह हर हाल में देश को आजाद कराना चाहते थे और इसी कारण उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी ज्वाइन किया।

नेता जी कोलकात्ता में चिंतरंजन दास के नेतृत्व में कार्य करते थे। नेता जी उन्हे अपना राजनीतिक गुरु मानते थे। इसी प्रकार वह अपने आखिरी सांसों तक इस देश के लिए लड़े।

नैतिक शिक्षा:

जो इस कहानी से हमें सीख मिलती है कि “हमारा नेता कैसा हो? सुभाष चंद्र बोस जैसा हो”।

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6.जैसे को तैसा की कहानी | “TIT FOR TAT” | Moral Stories in Hindi for Class 5

एक दिन राजू और उसकी मां घर की साफ सफाई कर रहे थे। घर पर अचानक से मेहमान आ गए। राजू एक बहुत ही बुद्धिमान लड़का था।

राजू केवल 8 साल का था। मां ने राजू को कुछ सब्जियां और फल खरीद लाने को कहा। राजू सब्जियों और फलों की दुकान में जा पहुंचा। वहां उसने दुकानदार से कहा कि मुझे 1 किलो सेब दे दो।

पर दुकानदार बहुत बेईमान था उसने राजू को बच्चा समझकर चुपके से केवल आधा किलो सेब ही तोले। राजू ने जब देखा कि सेब तो बहुत कम है तो उसने दुकानदार से कहा कि 1 किलो सेब नहीं है यह मुझे आधा किलो लग रहे हैं।

दुकानदार ने कहा की तुम छोटे बच्चे हो ना थोड़े सेब तुम्हें उठाने में आसानी होगी और जब दुकानदार ने राजू से कहा कि इन सबों के ₹100 हुए तो राजू ने केवल ₹50 ही दिए।

यह देख दुकानदार ने राजू से कहा कि पैसे तो कम है। तो राजू ने जवाब में कहा कि नहीं पैसे तो बिलकुल ठीक है बल्कि कम पैसे गिनने में तुम्हे आसानी होगी। राजू का यह जवाब सुनकर दुकानदार शर्म से पानी हो गया।

Moral of the Story:

तो प्यारे बच्चों इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि कहा गया है “जैसे को तैसा”।

7.दो गधों की कहानी | Moral Stories in Hindi for Class 5

बच्चों यह कहानी है दो गधों की जिनका नाम था “डोला” और “शोला”। डोला बहुत ही समझदार था और शोला उतना ही नादान और शरारती। डोला अक्सर शोला का ख्याल रखा करता था और उसे समझाया भी करता था कि क्या उसके लिए गलत है और क्या सही।

पर शोला अपने बचकाने व्व्यवहार की वजह से कई बार मुसीबत में पड़ जाता था। इसी तरह एक दिन डोला और शोला को बहुत भूख लगी। वह दोनो भोजन की तलाश में यहां से वहां भटकने लगे।

दो गधों की कहानी | Moral Stories in Hindi for Class 5

भटकते भटकते वह दोनों बेहद थक गए थे पर आखिर भोजन का सवाल था फिर वह दोनों थोड़ा सा आराम करके जंगल में घूमने लगे इसी उम्मीद में कि कुछ खाना मिल जाए। तभी एक पेड़ पर बैठी गिलहरी गधों से कहती है डोला और शोला भैया तुम कहां जा रहे हो?

वह दोनों सारी बात उस गिलहरी को बताते हैं और गिलहरी कहती है बस इतनी सी बात। तो गिलहरी कहती है शोला भैया चिंता ना करो बस थोड़ी सी दूरी पर एक गांव पड़ता है वहां गांव वालों के बहुत बड़े बड़े खेत है। एक खेत पर तो ताज़ी ताज़ी स्ट्रॉबेरी लगी हुई है।

मैं अभी-अभी ढेर सारी स्ट्रॉबेरी खाकर आ रही हूं। यह कहकर दोनों गधों का मन ललचाता है और गिलहरी शोला के पीठ में चढ़कर उन्हें रास्ता दिखाती है और वापस आ जाती है। शाम का समय था शोला जल्दबाजी में खेत की ओर भागने लगता है। वही डोला उसे रोकता है कि थोड़ा अंधेरा हो जाने दो ताकि हमे कोई देखे ना।

वह दोनों अंधेरा होने का इंतजार करते हैं और जैसे ही किसान अपने घरों में वापस चले जाते हैं। वह दोनों स्ट्रॉबेरी के खेत में हमला बोल देते हैं। रात भर खूब सारी स्ट्रॉबेरी खाने के बाद दोनों बेहद खुश हो जाते हैं वही शोला कहता है कि आज मैं बहुत खुश हूं क्यूं ना मैं अपनी खुशी जाहिर करूं?

तो डोला कहता है। घर चलो वही खुशी जाहिर करना यहां करोगे तो हम दोनो पकड़े जाएंगे और अच्छे से पीटे भी जायेंगे। शोला अपनी बचकानी हरकत से बाज ना आया और जोर ज़ोर से गाना शुरू कर दिया और नाचने भी लगा।

डोला के लाख समझाने पर भी शोला नहीं माना तो डोला चुप चाप वहां से चला गया और शोला की आवाज सुनकर सभी किसान अपने घरों से बाहर निकले और शोला की खूब पिटाई की स्ट्रॉबेरी के खेत की यह हालत देख उन्होंने ने शोला की चटनी बना डाली।

दूर बैठा डोला यह सब देखकर यह कहने लगा कि शोला भाई तुम्हें इसी तरह बात समझ आनी थी। कहा भी गया है ना “लातों के भूत बातों से नहीं मानते”

  • नैतिक शिक्षा:
  • तो प्यारे बच्चों इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि “हमें कभी दूसरों की भी सुन लेनी चाहिए हमेशा अपने मन की ही नहीं करनी चाहिए”।

8.कुत्ते और आईने की कहानी | Moral Stories in Hindi for Class 5

एक दिन दो कुत्ते जैकी और शैमी दोनो अलग-अलग समय में एक कमरे में जा पहुंचते हैं पहले जैकी जाता है जैकी एक खुशमिजाज कुत्ता था जब वह उस कमरे से बाहर आता है तो वह बहुत खुश दिखता है।

कुछ देर बाद शेमी भी उसी कमरे में जाता है परंतु वह भी गुस्से में और दुखी होकर मेरे से बाहर आता है यह सारा दृश्य टीना देख रही होती है सोचती है आखिर उस कमरे में क्या है कि एक कुत्ता खुश होकर बाहर आया और दूसरा कुत्ता इतने गुस्से में बाहर आया

कुछ देर बाद शेमी भी उसी कमरे में जाता है परंतु वह भी गुस्से में और दुखी होकर मेरे से बाहर आता है यह सारा दृश्य टीना देख रही होती है सोचती है आखिर उस कमरे में क्या है कि एक कुत्ता खुश होकर बाहर आया और दूसरा कुत्ता इतने गुस्से में बाहर आया

वह उस कमरे में जाकर देखती है तो वह कमरे को आईनों से भरा हुआ पाती है। टीना आईनों को देख सारी बात समझ जाती है। जब खुशमिजाज जैकी उस कमरे में गया था तो कमरे में रखे आईनों में उसे कई हस्ते हुए कुत्ते नजर आए थे।

वही दूसरी ओर जब गुस्सैल कुत्ता गया था तो उसे आईने में सारे कुत्ते गुस्से में ही नजर आए थे। इसीलिए वह दुखी होकर बाहर आया था।

नैतिक शिक्षा:

तो प्यारे बच्चों इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि “आप अपने आसपास की दुनिया में जो देखते हैं वही आप का प्रतिबिंब होता है”।

9.बकरी और हाथी की जोड़ी | Moral Stories for Class 5 in Hindi”

एक जंगल में एक बकरी और हाथी रहा करते थे वह दोनों बेहद अच्छे मित्र थे। वह दोनो हर दिन अपने भोजन की तलाश में साथ ही जंगल में घूमा करते थे और शाम होते ही साथ अपने घर वापस आते।

बकरी और हाथी की जोड़ी | Moral Stories for Class 5 in Hindi"

इसी तरह दिन बीतते गए। एक दिन हाथी और बकरी हर दिन की तरह सुबह भोजन की तलाश में जंगल में घूम रहे थे और घूमते घूमते उन्हें प्यास लगी प्यास बुझाने के लिए वह एक तालाब में जा पहुंचे जैसे ही दोनों ने पानी पीकर अपनी प्यास बुझाई

तभी बकरी की नजर तालाब के पास एक पेड़ पर जाकर टिकी और उस पेड़ में बहुत सुंदर और मीठे आम लगे थे। बकरी ने हाथी से इच्छा जताई कि तुम इस पेड़ की शाखा को हिला कर कुछ आम नीचे गिराओ हाथी ने बकरी की बात मान ली और हाथी ने पेड़ को अच्छे से हिलाया और मीठे मीठे आम नीचे गिर गए।

बकरी उन आमों को बड़े ही चाउ से खाने लगी। तभी बकरी की नजर तालाब में पड़ी उसने देखा कि दो नन्ही चिड़िया अपने घोंसले के साथ तालाब में गिरी हुई थी। बकरी ने आव देखा न ताव तालाब में छलांग लगा दी और चिड़िया के बच्चों को बचाने लगी।

बकरी को तैरना नहीं आता था इसलिए बकरी डूबने लगी। यह देख हाथी उन्हें बचाने के लिए खुद तालाब में कूद पड़ा और चिड़िया के बच्चों और बकरी की जान बचाई।

Moral of the Story:

तो प्यारे बच्चों इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि “जाने अनजाने में अगर हमसे कोई भूल हो जाए तो हमें अपनी गलतियों को सुधारना चाहिए ना की नजरअंदाज”।

10.अंधे गधे की कहानी | Moral Stories in Hindi for Class 5

एक समय की बात है वृंदावन के जंगल में कुछ गधों का झुंड घूम रहा था। उसी झुंड में दो गधे थे जिनमे से एक गधा अंधा था और दूसरे गधे के गले में बड़ी सी घंटी बंधी हुई थी। इन गधों के झुंड का मालिक पीटर था।

वह अपने सभी गधों का बहुत ख्याल रखता था पर वह सबसे ज्यादा प्यार उस अंधे गधे से करता था। उस अंधे गधे का वह सबसे ज्यादा ख्याल भी रखता था। उस अंधे गधे के लिए पीटर ने खास एक गधे को उसके साथ रहने के लिए रखा हुआ था।

उस स्वस्थ गधे को खास सिखलाई दी गई थी की वह हमेशा अंधे गधे के साथ रहे। उसी स्वस्थ गधे के गले में पीटर ने एक घंटी बांड रखी थी। ताकि अंधा गधा उस घंटी की आवाज सुनकर उस गधे के साथ साथ रहे और कहीं भटक ना जाए

वही दूसरा घंटी वाला गधा भी अंधे गधे की खूब देखभाल करता था और कुछ दूर चलने के बाद हमेशा पीछे मुड़कर जरूर देखता था कि कहीं अंधा कथा रास्ता ना भटक जाए। तो प्यारे बच्चों गधों के मालिक की तरह भगवान भी हमें हमारी कमियों और बुराइयों की वजह से हमें नहीं त्याग देते बल्कि हमारा और भी ज्यादा खयाल रखते हैं।

मुसीबत में हमेशा किसी न किसी के द्वारा हमारी सहायता करते हैं। कभी-कभी हम भी अंधे गधे होते हैं और भगवान द्वारा बांधी गई घंटी से हम अपनी मुसीबतों का उत्तर और सहायता पाते हैं तो कभी हम अपने गले में बंधी हुई घंटी के द्वारा दूसरों को रास्ता दिखाने के काबिल हो जाते हैं।

Moral of the Story:

तो प्यारे बच्चों इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि “हमेशा भगवान पर भरोसा रखें वह हमें कभी नहीं त्त्यागते भले ही क्यों ना हममें लाख बुराइयां हो पर वह हमें सबसे ज्यादा प्यार करते हैं”।

11.गधा और धोबी की कहानी | Moral Stories in Hindi for Class 5

बिहार के एक छोटे से गांव में एक गरीब धोबी रहा करता था। वह इतना गरीब था कि वह अपने गधे को पर्याप्त मात्रा में घास नहीं खिला सकता था। उसका गधा भी बहुत ही कमजोर था।

गधा और धोबी की कहानी | Moral Stories in Hindi for Class 5

गधे की इस दर्दनाक हालत को देख धोबी को उस पर तरस आया। धोबी एक दिन जंगल में किसी काम से जा रहा था। जंगल में उसे एक मारा हुआ बाघ दिखा। बाघ को देखते ही धोबी के मन में एक विचार आया

उसने सोचा कि क्यों ना मैं इस बाघ की खाल अपने गधे पर चढ़ा दूं और उसे रात में पड़ोसियों के खेतों में चरने के लिए छोड़ दूं। पड़ोसी गधे को बाघ समझकर डर जायेंगे और इसी बहाने मेरा गधा भी पेट भर घास करेगा।

उसने अपनी इस योजना पर अमल किया उसने बाघ की खाल पहना कर अपने गधे को रात को चरने के लिए छोड़ दिया। कुछ दिन इसी तरह चलता रहा। एक दिन गधा खेत चर रहा था कि उसे एक दूसरे गधे की रेंकने की आवाज सुनाई दी उसे रेंकता देख वह गधा भी जोश जोश में जोर-जोर से रेंकने लगा।

गधों की इतनी ऊंची आवाज सुन सारे किसान खेत में इकट्ठे हो गए और डंडे से उस गधे की खूब पिटाई की और गधे की असलियत सबके सामने आ गई।

Moral of the Story:

तो प्यारे बच्चों इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि “हमें अपनी असलियत कभी नहीं छुपानी चाहिए यह हमें महंगा भी पड़ सकता है”।

CONCLUSION:

Moral Stories in Hindi for Class 5 – मैं आशा करती हूं आप को यह Moral Stories in Hindi for Class 5 की कहानी बेहद ही पसंद आई होगी और मुझे विश्वास है इन कहानियों से आपने बहुत कुछ सीखा होगा अगर आपको यह कहानियां अच्छी लगी हो तो आप इन्हे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें। अगर इन कहानियों को लेकर कोई सुझाव या प्रश्न हो तो नीचे दिए गए comment बॉक्स में अपना comment जरुर शेयर करें हमें बेहद खुशी होगी धन्यवाद।

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FAQ (Frequently Asked Question)

1.नैतिक कहानी का उद्देश्य क्या है? | What is the purpose of moral story?

नैतिक कहानियां हमें अपने जीवन में महत्वपूर्ण सबक सीखने में सहायता करती है। छोटे बच्चों को नैतिक कहानियां बहुत पसंद आती है और नैतिक कहानियां जीवन की बड़ी से बड़ी सीख हमें चुटकियों में समझा देती है।

2.सर्वोत्तम नैतिक शिक्षा कौन सी हैं? | What are good Morals for stories?

1. लालच बुरी बला है।
2. सचाई की हमेशा जीत होती है।
3. कोई भी कार्य करने से पहले एक बार जरूर सोच लें।
4. सदा सच बोलो
5. जैसे को तैसा।
6. जहां चाह वहां राह।
7. कभी हार मत मानो

3.क्या कहानी लेखन में नैतिक शिक्षा लिखना आवश्यक है? | Is it important to write moral in story writing?

जी हां। हमे नैतिक शिक्षा कहानी को अंत में लिखना अत्यंत जरूरी है क्योंकि यह कहानी का संपूर्ण मतलब हमे समझती है।

4.हमारे जीवन में नैतिक कहानियाँ क्यों महत्वपूर्ण हैं? | Why are moral stories important in our life?

कहानियों के पढ़े जाने द्वारा बच्चों के नन्हे भोले मनों में नैतिकता का बीज उत्पन्न होता है। वह सही गलत के बारे में फर्क करना सीखते हैं तथा नैतिक मूल्यों की गहरी सीख को समझ पाते हैं।

5.सर्वोत्तम नैतिक मूल्य कौन से हैं? | What are the best moral values?

सर्वोत्तम नैतिक मूल्य कौन से हैं? | What are the best moral values?

यहां 10 आवश्यक नैतिक मूल्य का जिक्र हमने किया हैं जो कि बच्चों में चरित्र का निर्माण करते हैं और साथ ही साथ बच्चों के मनों में सकारात्मक व्यवहार पैदा करते हैं।
1.आदर ( Respect)
2.दयालुत्ता (Kindness)
3. ईमानदारी (Honesty)
4. समानता (Equality)
5.सहयोग ( Cooperation)
6. कड़ी मेहनत (Hardwork)
7.मैत्री ( Friendship)
8.करूणा ( compassion)
9.दान ( Charity)
10.कृतज्ञता ( Gratitude)

1.क्या Top 10 Moral Stories in Hindi से हमें नैतिक शिक्षा का ज्ञान मिल सकता है?

जी हां। आप बिल्कुल सही जगह पर हैं अगर आप नैतिक शिक्षा का ज्ञान पाना चाहते हैं। यह कहानियां मजेदार होने के साथ साथ बहुत है शिक्षाप्रद हैं।

2. क्या इन कहानियों में चित्रों का इस्तेमाल किया गया है?

जी हां। इन कहानियों को और भी मजेदार और पढ़ने में आसान बनाने के लिए हमने इसमें चित्रों का इस्तेमाल किया है। ताकि यह कहानियां बड़ों के साथ साथ बचे भी पढ़ सकें।

3. यह कहानियां बच्चों के लिए पढ़ने योग्य है?

जी हां। यह कहानियां खास हमने बच्चों का ध्यान रख कर बनाई हैं। ताकि बड़ों के साथ साथ बच्चे भी इन कहानियों का लुफ्त उठा सकते हैं और इनसे अच्छी सीख ले सकते हैं और अच्छे बुरे का ज्ञान समझ सकते हैं।

4. क्या इन कहानियों के अंत में नैतिक शिक्षा दी गई है?

जी हां। हर एक कहानी के अंत में आपको short and sweet सी नैतिक सीख दी गई है। जो समझने में बहुत आसान है।

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