Top 10 Moral Stories in Hindi– प्यारे बच्चों आज हम आपके लिए लेकर आए हैं बहुत ही खास और मनोरंजक Top 10 Moral Stories in Hindi यह नैतिक कहानियां आपके लिए बहुत ही रोचक एवं मजेदार होने के साथ-साथ शिक्षाप्रद भी हैं।
आप इन कहानियों को पढ़कर इनसे खूब सारी सीख ले कर अपने जीवन को महान् बना सकते हो। यह कहानियां internet की दुनिया में बहुत ही प्रसिद्ध साबित हुई है।
इन कहानियों में हमने pictures का भी इस्तेमाल किया है ताकि आपको कहानियां और भी मनोरंजक लगे और साथ ही कहानी समझने में भी आसानी हो। आशा करती हूं आपको हमारी यह कहानियां बेहद पसंद आएगी तो चलिए बिना देरी करते हुए जल्दी से शुरू करते हैं
1. तीन कछुओं की यारी की कहानी – Top 10 Moral Stories in Hindi
एक समय की बात है तीन कछुए जो कि बचपन से ही साथ थे और घनिष्ठ मित्र भी थे पर उनमें से दो कछुए अक्सर लड़ाई किया करते थे।
वह आपस में किसी न किसी बात को लेकर उलझ ही जाया करते थे और तीसरा दोस्त दोनों कछुआ को समझाता था कि लड़ाई बुरी बला है।

एक दिन लड़ाकू कछुआ एक बड़े से पत्थर पर बैठकर खेल रहा था अचानक से उस कछुए का पैर फिसल जाता है Top 10 Moral Stories in Hindi वह पत्थर से गिर जाता है और उल्टा हो जाता है।
अब वह उठ नहीं पा रहा था तभी वहां एक बंदर आया परंतु बंदर ने उसकी मदद करने के बजाय उसे और परेशान किया। जंगल के किसी भी जानवर दे उस कछुए को सीधा नहीं किया ना ही उसकी कोई मदद की।
यह खबर अन्य कछुओं तक पहुंच गई। तभी इस कछुए के दो दोस्त वहां पहुंचे और जल्द ही उस कछुए को सीधा किया उस पीड़ित कछुए ने चैन की सांस ली और अपने दोस्तों से क्षमा मांगी।
नैतिक शिक्षा:
तो दोस्तों इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि “पक्की यारी सब पर भारी”।
2. दर्द को महसूस करने वाला बनो – Top 10 Moral Stories in Hindi
एक दिन एक बच्चा पालतू जानवर की दुकान में जाकर एक पिल्ला खरीदना चाहता था। वहां पर तरह-तरह के पिल्ले रखे थे। वह सभी अलग-अलग कीमत के थे। कोई 3000 , 5000 तो कोई 10,000.
वह बच्चा पिल्लों को देख ही रहा था कि अचानक उसकी नजर कोने में सहमे हुए पिल्ले पर पड़ी वह दुकानदार से उस पिल्ले के बारे में पूछने लगा पर दुकानदार ने कहा कि वह कुत्ता बिकाऊ नहीं है।
वह अपाहिज है बच्चा उस कुत्ते के पास गया और उसके साथ खेलने लगा उस पिल्ले को भी बहुत खुशी महसूस हुई किसी ने पहली बार उसे इतना प्यार दिखाया था और उसे गले से लगाया था। उस बच्चे ने ठान लिया कि वह अब इसी पिल्ले को खरीदेगा।
उसने दुकानदार से बहुत ही विनती की और यह भी कहा कि अगर यह बिकाऊ नहीं है तो आप इसका क्या करोगे दुकानदार ने जवाब दिया कि कुछ समय बाद हम इसे मार देंगे।
यह बात सुन उस बच्चे ने अपनी सारी सेविंग दुकानदार को दे दी और बहुत ही विनती प्रार्थना से उस कुत्ते को खरीद लिया पर दुकानदार अभी भी हैरान था कि वह इतने सारे पैसों में तो कोई अच्छा और स्वस्थ पिल्ला खरीद सकता था।
जब उसने बच्चे को पूछा तो बच्चे ने जवाब में अपनी पेंट को उठाया और उस बच्चे की एक टांग नहीं थी। वह बच्चा नकली टांगों के सहारे चल रहा था। यह देख दुकानदार के होश उड़ गए और उसे अपने किए पर बहुत पछतावा हुआ और उसे यह एहसास हुआ कि आज इस छोटे से बच्चे ने उसे जीवन का बहुत बड़ा पाठ सिखाया है।
नैतिक शिक्षा:
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि “हमें दर्द को महसूस करने वाला बनना चाहिए अकलमंद तो दुनिया में बहुत मिल जायेंगे”।
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3.ईश्वर पर भरोसा रखें – Top 10 Moral Stories in Hindi
बहुत पुरानी बात है एक दिन कुछ नाविक अपनी जहाज में सवार होकर चल दिए तभी बहुत तेज तूफान और बाढ़ आने के कारण उनकी जहाज डूब गई और सब के सब डूबने के कारण मर गए सिवाए हंसराज के वह नदी के किनारे पर आ गया।
जब उसे होश आया तो उसने खुद को एक island के किनारे पाया। उसने इधर उधर देखा उस island में कोई भी नहीं था उसने हाथ जोड़कर भगवान से विनती की कि मेरे लिए कोई सहायता भेजो। इसी तरह रात बीत गई और वह उसी island के किनारे ही सो गया।

सुबह उसने फिर से भगवान से प्रार्थना की कि उसके लिए कोई मदद भेजें पर उसे कहीं से भी कोई मदद नहीं मिली। उसने धीरे-धीरे लकड़ी और पत्थरों को इकट्ठा करना शुरू कर दिया और अपने लिए एक झोपड़ी बनाई।
अब इसी झोंपड़ी पर वह रहने लगा। एक सर्द रात में उसने आग जलाई और उसकी आंख लग गई। आधी रात में उस आग ने झोपड़ी को जलाकर राख कर दिया। वह इंसान जैसे तैसे खुद की जान बचाकर वहां से निकला और वह बहुत दुखी हुआ।
उसने भगवान से शिकायतें की और कहा कि आप बहुत निर्दई हो मदद भेजने के बजाए जो मेरा एक ही सहारा था उसे भी जला कर राख कर दिया। कुछ देर बाद उसे एक जहाज आता हुआ दिखा उसे अपनी आंखों पर भरोसा ना हुआ और वह उस जहाज में चढ़ गया जब उसने जहाज के चालक को पूछा कि आप यहां कैसे आए तो चालक ने कहा कि हमें तो fire सिग्नल मिला था।
हम केवल और केवल उसी fire signal से यहां पर आए। तो हंसराज परेशान हो गया और उसने कहा कि मैंने तो कोई fire सिग्नल नहीं भेजा फिर अचानक से उसे अपने झोंपड़ी के राख होने का ध्यान आया और वह ऊपर वाले की सारी योजना समझ गया और उसने भगवान से अपनी गलतियों की क्षमा मांगी और उसका धन्यवाद किया।
नैतिक शिक्षा:
तो इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि “कई बार हम छोटी-छोटी चीजों के लिए भगवान को कोसते हैं पर भगवान ने हमारे लिए उम्मीद से बढ़कर सोचा होता है। इसीलिए अपर वाले की योजनाओं पर विश्वास करें”।
4. सच और झूठ की कहानी -Top 10 Moral Stories in Hindi Written
एक बार सच और झूठ कही घूम रहे थे। झूठ ने कहा चलो नहाने चले। झूठ ने सच से कहा चलो इस नदी में डुबकी लगाते हैं।
सच ने तो डुबकी लगा ली मगर झूठ उसे देखता ही रहा और सच के कपड़े चुरा लिए। सच यह देख कर हैरान हो गया।
सच चिल्लाता रहा मगर झूठ ने उसके कपड़े वापस नहीं लौटाए।तभी से झूठ पूरी दुनिया में सच के कपड़े पहन के घूमता है।
नैतिक शिक्षा:
दोस्तों हमें इस कहानी से यह सीख मिलती है कि “हमें सदैव सतर्क रहना चाहिए ना जाने कौन कब कहां हमारी मासूमियत का फायदा उठा बैठे”।
5. बंदर और गिलहरी – Top 10 Moral Stories in Hindi Written
एक दिन एक बंदर पेड़ पर बैठा था। बंदर की पूंछ बहुत लंबी थी। इतनी लंबी थी कि उसकी पूंछ ज़मीन पर लटक रही थी। वहीं पेड़ के पास एक गिलहरी खेल रही थी। अचानक से उसे पूंछ दिखाई दी उसने सोचा कि यह झूला कहां से आया थोड़ी देर पहले तो नहीं था और वह पूंछ पर चढ़कर झूलने लगी।

वहीं पेड़ पर बैठे बंदर को गुदगुदी हुई उससे नीचे देखा वह हंसकर बोला गिलहरी यह क्या कर रही हो? मुझे तो गुदगुदी महसूस हो रही है। गिलहरी घबरा गई एकदम से उसने कहा बंदर भैया यह आपकी पूंछ थी।
तभी मैं सोचूं अचानक से इतनी लंबी पूंछ कहां से आ गई और तुम्हारी पूंछ को झूला समझकर में झूल रही थी धन्यवाद बंदर भैया मुझे आपने झूलने का मौका दिया और मुझे खेलने दिया इसी तरह गिलहरी हंसती हुई पेड़ की डाली पर चढ़ गई।
नैतिक शिक्षा:
तो प्यारे दोस्तों इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि “हमें कभी दूसरों की खुशी के लिए भी अपना बलिदान देना चाहिए”।
6. गेंद-बल्ला की कहानी – Top 10 Moral Stories in Hindi
एक बार गेंद और बल्ला खेल रहे थे गेंद ने बल्ले से कहा तुम मुझे क्यों मारते हो? तभी बल्ले ने जवाब में कहा अगर तुम्हें मारूं नहीं तो खेल कैसे होगा? गेंद जब बल्ले के पास आई तो उसने उसे जोर से मारा और गेंद फुदकती हुई दूर जाकर झाड़ियों में छिप गई
चुपचाप से वह बल्ले को दूर से ही देखती रही। बल्ला उसे ढूंढता रहा। ढूंढ ढूंढ कर वह परेशान हो गया। यूं ही शाम हो गई और अंधेरा होने लगा। दूर बैठी गेंद खुश हो गई कि बल्ला परेशान हो रहा है।
गेंद के लिए तड़प रहा है बल्ला अब निराश होकर लौट ही रहा था तभी गेंद झाड़ियों में से आवाज लगाकर कहने लगी मैं यहां हूं मुझे ले जाओ अपने साथ पर एक शर्त है तुम अब मुझे कभी मारोगे नहीं।
यह सुन कर बल्ला हंस दिया और बल्ले ने झाड़ी के पीछे से खींच कर गेंद को उठा लिया गेंद ने कहा देखो अब आज से हम दोस्त हैं।
नैतिक शिक्षा:
तो दोस्तों इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि “हमें हर उस एक चीज की कदर करनी चाहिए जो हमारे पास है जब वह चीज खो जाती है हमें तभी उसकी वैल्यू का एहसास होता है।
7. सात पूंछ वाला चूहा – Top 10 Moral Stories in Hindi Written
एक चूहा था उसका नाम चेरी था। उस चूहे की सात पूंछे थी। सब उसे चिड़ाते थे। सात पूंछ वाला चूहा, सात पूंछ वाला चूहा। तंग आकर वह चूहा एक दिन नाई के पास गया और उसने नाई से कहा मेरी एक पूंछ काट दो।

जब वह वापस घर आया तो सभी उसे चिढ़ाने लगे छह पूछ वाला चूहा, छह पूंछ वाला चूहा और फिर परेशान होकर अगले दिन वह नाई के पास गया और उसने नाई से कहा मेरी दो पूंछ काट दो।
जब वापिस आया तो सभी फिर उसे तंग करने लगे और यह कह कर सभी उसे तंग करने लगे चार पूंछ वाला चूहा , चार पूंछ वाला चूहा।
अगले दिन सुबह फिर चूहा नाई के पास गया और कहा मेरी सारी पूछें काट दो क्या पता इसके बाद मेरे दोस्त मुझे चिढ़ाना छोड़ दे। नाई ने सारी पूंछे काट दी।
अब चूहा दुखी होकर घर लौटा और इसी उम्मीद से कि शायद अब उसे कोई तंग नहीं करेगा पर सब चूहे की सोच के विपरित हुआ। सब उसे अब बिना पूंछ का चूहा कहकर हंसने लगे।
उसे पहले से ज़्यादा परेशान करने लगे। हर जगह बिना पूंछ के चूहे की चर्चा होने लगी। अब वह बहुत ही निराश और शर्मिंदगी महसूस करने लगा।
नैतिक शिक्षा:
तो दोस्तों इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है क “हमें किसी के पसंद और नापसंद के हिसाब से खुद को बदलने की जरूरत नहीं हम जैसे हैं बेहतर हैं”।
8. विक्रांत की जिज्ञासा – Top 10 Moral Stories in Hindi
एक समय की बात है विक्रांत नाम का इंसान महात्मा बुद्ध के पास जाता है और उनसे जिज्ञासा भरी आवाज में एक सवाल पूछता है। वह कहता है महात्मा बुद्ध जब आप प्रवचन देते हो तो आप ऊंचे आसन पर बैठते हो और आपके शिक्षक नीचे बैठे होते हैं आखिर ऐसा क्यों?
बहुत ही विनम्रता से महात्मा बुद्ध इस सवाल का जवाब देते हुए कहते हैं कि विक्रांत तुम बताओ आखिर प्यासा झरने के ऊपर जाकर पानी पीता है या झरने के नीचे आकर?
विक्रांत ने उत्तर दिया झरने का पानी ऊंचाई से नीचे बहता है तो नीचे आकर ही पानी पीया जा सकता है। बुद्धा कहते हैं प्यास बुझाने के लिए झरने को ऊंचाई से ही बहना होगा। इस पर विक्रांत ने हां में जवाब दिया।
बुद्ध ने कहा इसी प्रकार अगर शिक्षक को ज्ञान लेना हो तो उसे नीचे ही आना होगा और ज्ञाता को ज्ञान देने के लिए ऊपर ही खड़े रहना होगा। इस पर विक्रांत ने सारी बात समझ ली और बुद्ध के रास्ते पर चलने को तैयार हो गया।
नैतिक शिक्षा:
तो दोस्तों इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है कि “पूर्ण समर्पण और विश्वास से ही कुछ पाया जा सकता है”।
9. मैना का विश्वास – Top 10 Moral Stories in Hindi
बरसात का मौसम था आसमान में घने बादल छाए हुए थे। नीम के एक पेड़ पर ढेर सारे कौवे काए काय करते हुए इधर से उधर घूम रहे थे और अपना बसेरा ढूंढ रहे थे।
क्योंकि वे जानते थे कि थोड़ी ही देर में बारिश होने वाली है तभी वह एक छोटी सी मैना आ जाती है सभी कौवे उस पर टूट पड़ते हैं और उस बेचारी मैना को नीम के पेड़ में से चले जाने को कहते हैं।

मैना उन सब से हाथ जोड़कर विनती करती है कि वह आज रात उसे इसी पेड़ में विश्राम करने दें क्योंकि बारिश होने वाली है और अंधेरा भी हो गया है। मुझे अपना घोंसला भी नहीं मिल रहा यह मैना कहती है। कौवे बहुत निर्दई थे।
वह मैना से कहते हैं कि तुम यहां से चले जाओ और उसे यह भी कहते हैं वैसे तो तुम ईश्वर का बहुत नाम लेती हो तो तुम इस बारिश से क्यों डर रही हो तुम ईश्वर के भरोसे ही हमारे घोसले से बाहर निकल जाओ।
इस पर बेचारी मैना को वहां से धक्के मारकर भगा दिया जाता है। मैना भटकते हुए एक आम के पेड़ पर जा पहुंचती है। वही वह खुद को सुरक्षित रखती है रात भर ओले पड़ते हैं। कौवे काय काय करते हुए यहां से वहां भटकते हैं कुछ कौवे तो मर भी जाते हैं।
आम के पेड़ से एक बड़ी टहनी टूटती है और पेड़ के तले में जाकर एक जगह बनाती है और उसी जगह पर मैना रात बिताती है। इसी प्रकार मैना सुरक्षित बच जाती है। अगली सुबह धूप चमकती है और मैना ईश्वर का धन्यवाद करती हुई वहां से उड़ जाती है।
रास्ते में उसे घायल और मारे हुए कौवे मिलते है उनमें से एक कौवा मैना से पूछता है आखिर तुम नन्ही सी जान कैसे जीवित बची इतने भयंकर तूफान से। मैना ने कहा मैं रातभर ईश्वर से प्रार्थना करती रही और उन्होंने ही मेरी रक्षा की है और जो मैं आज आपके सामने जीवित खड़ी हूं यह सब ईश्वर की मेहर हैं।
नैतिक शिक्षा:
तो दोस्तों इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि “दुःख में पड़े और असहाय जीव को ईश्वर के अलावा कोई नहीं बचा सकता। इसलिए अपने दुःख में या सुख में हमेशा ईश्वर को ही याद करना चाहिए”।
10. ईश्वर की लगन पर कहानी – Top 10 Moral Stories in Hindi
उत्तराखंड के एक गांव में एक महिला मंदिर जाती है और पुजारी से कहती है कि आज के बाद मैं कभी मंदिर नहीं आऊंगी। इस पर पुजारी पूछता है कि भला ऐसा क्यों?
महिला कहती है कि मंदिर को कुछ लोगों ने व्यापार का स्थान बना रखा है और फोन पर व्यापार की ही बातें करते। कुछ तो केवल गपशप के लिए ही मंदिर आते हैं और कुछ मंदिर में पूजा पाठ कम और पाखंड ज्यादा करते हैं।
तो पंडित उस महिला से कहते हैं क्या यह तुम्हारा अंतिम निर्णय है तो महिला कहती है हां। तो पंडित इस पर कहते हैं इससे पहले तुम्हें एक काम करना होगा। एक गिलास में पानी भरकर मंदिर परिसर के 3 चक्कर लगाने होंगे।
बशर्त यह है कि पानी की एक बूंद भी नही गिरनी चाहिए। इस पर महिला हामी भारती है और वैसा ही करती है जैसा पंडित ने कहा था। महिला सफलतापूर्वक चक्कर काटती है। यह देख पंडित ने महिला से तीन सवाल पूछे।
पहला सवाल क्या तुम्हे कोई फोन पर बात करते हुए दिखा? महिला कहती है नहीं। दूसरा सवाल: क्या तुम्हे कोई गपशप करता हुआ नजर आया? महिला कहती है बिल्कुल नहीं। तीसरा सवाल: क्या तुम्हें कोई यहां पाखंड करते हुए नजर आया ? महिला जवाब में कहती है कि नहीं।
इस पर पंडित महिला से कहते हैं कि जब तुम परिसर में चक्कर लगा रही थी तो तुम्हारा सारा ध्यान इस गिलास पर था कि यहां से पानी ना गिर जाए। इसलिए तुम्हे आसपास की कोई भी चीज दिखाई नहीं थी इसीलिए जब भी आप मंदिर आओ तो अपना सारा का सारा ध्यान ईश्वर पर लगाओ तो आपको आसपास की फालतू चीजें नहीं दिखेंगी।
नैतिक शिक्षा:
तो दोस्तों इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि “भगवान की भक्ति सच्चे मन और सच्ची लगन से ही करनी चाहिए”।
CONCLUSION:
Top 10 Moral Stories in Hindi – मैं आशा करती हूं आपको हमारी यह Top 10 Moral Stories in Hindi – कहानियां बेहद पसंद आई होगी। अगर आपको हमारी कहानियां पसंद आई हो तो please आप अपने मित्रों व परिवार के साथ इसे जरूर शेयर करें। अगर इन कहानियों को लेकर कोई भी सुझाव हो तो नीचे दिए गए comment बॉक्स में अपना comment जरुर शेयर करें हमें बेहद खुशी होगी।🙏
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1.क्या Top 10 Moral Stories in Hindi से हमें नैतिक शिक्षा का ज्ञान मिल सकता है?
जी हां। आप बिल्कुल सही जगह पर हैं अगर आप नैतिक शिक्षा का ज्ञान पाना चाहते हैं। यह कहानियां मजेदार होने के साथ साथ बहुत है शिक्षाप्रद हैं।
2. क्या इन कहानियों में चित्रों का इस्तेमाल किया गया है?
जी हां। इन कहानियों को और भी मजेदार और पढ़ने में आसान बनाने के लिए हमने इसमें चित्रों का इस्तेमाल किया है। ताकि यह कहानियां बड़ों के साथ साथ बचे भी पढ़ सकें।
3. यह कहानियां बच्चों के लिए पढ़ने योग्य है?
जी हां। यह कहानियां खास हमने बच्चों का ध्यान रख कर बनाई हैं। ताकि बड़ों के साथ साथ बच्चे भी इन कहानियों का लुफ्त उठा सकते हैं और इनसे अच्छी सीख ले सकते हैं और अच्छे बुरे का ज्ञान समझ सकते हैं।
4. क्या इन कहानियों के अंत में नैतिक शिक्षा दी गई है?
जी हां। हर एक कहानी के अंत में आपको short and sweet सी नैतिक सीख दी गई है। जो समझने में बहुत आसान है।